16 फरवरी 2025 से भारत सरकार ने राशन कार्ड व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस नए नियम के तहत सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यह बदलाव देश के करोड़ों राशन कार्ड धारकों को प्रभावित करेगा।
नए नियम के अनुसार, जिन लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है, उनका राशन बंद कर दिया जाएगा। यह प्रावधान पूरे देश में लागू होगा और इसका मुख्य उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना है।
डिजिटल व्यवस्था का महत्व
नई व्यवस्था में आधार कार्ड और बायोमेट्रिक सत्यापन को जोड़ा गया है। इससे फर्जी राशन कार्डों पर रोक लगेगी और सही लाभार्थियों तक राशन पहुंचाना सुनिश्चित होगा। इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीनों का उपयोग वितरण को और अधिक कुशल बनाएगा।
प्रभावित होने वाले लोग
यह बदलाव उन सभी लोगों को प्रभावित करेगा जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ ले रहे हैं। विशेष रूप से वे लोग जिनके परिवार के सभी सदस्यों का ई-केवाईसी नहीं हुआ है या जिनका आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक नहीं है।
ई-केवाईसी की प्रक्रिया
ई-केवाईसी कराने के लिए नागरिक अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र जा सकते हैं। वहां आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए ‘मेरा राशन’ ऐप का उपयोग किया जा सकता है।
लाभ और सुविधाएं
नई व्यवस्था से कई फायदे होंगे। राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी, कागजी कार्रवाई कम होगी और समय की बचत होगी। डिजिटल ट्रैकिंग से वितरण प्रणाली की निगरानी आसान होगी।
चुनौतियां और समाधान
ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और जागरूकता की कमी जैसी चुनौतियां हैं। सरकार ने इनके समाधान के लिए हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की है।
सरकार का लक्ष्य है कि राशन वितरण प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल हो। इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और सही लोगों तक सरकारी सुविधाएं पहुंचेंगी।
यह बदलाव भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एक महत्वपूर्ण सुधार है। सभी राशन कार्ड धारकों को चाहिए कि वे समय रहते ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें ताकि उन्हें राशन लेने में कोई परेशानी न हो।