EPFO New Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किए हैं। ये बदलाव देश के 6 करोड़ से अधिक पीएफ खाताधारकों को प्रभावित करेंगे। आइए जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
ईपीएफओ ने अब केवाईसी अपडेट को अनिवार्य कर दिया है। बिना केवाईसी अपडेट के खाताधारकों को योगदान और निकासी में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें आधार, पैन और बैंक विवरण का अपडेशन शामिल है। कंपनियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों की केवाईसी प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें।
निकासी नियमों में परिवर्तन
भविष्य निधि निकासी के नियमों में भी कड़ाई की गई है। अब निकासी के लिए ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया और अधिक कठोर बना दी गई है। एडवांस राशि निकालने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की गई है। धोखाधड़ी को रोकने के लिए निकासी अनुरोधों की डिजिटल समीक्षा की जाएगी।
नए कर नियम
2.5 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर अब कर देना होगा। यह नियम विशेष रूप से नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। 5 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर उच्च दर से कर लगेगा। यह नियम पीएफ खातों से बड़ी राशि निकालने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
पेंशन योजना में सुधार
ईपीएस-95 में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। 10 वर्ष से कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए विशेष शर्तें लागू की गई हैं। इन बदलावों का उद्देश्य पेंशनभोगियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
ब्याज दर में स्थिरता
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.15% निर्धारित की गई है। यह दर पिछले कुछ वर्षों की तुलना में स्थिर रखी गई है। यह निर्णय खाताधारकों के रिटायरमेंट फंड की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
इन नए नियमों का सबसे अधिक प्रभाव नौकरीपेशा लोगों पर पड़ेगा। केवाईसी अपडेट न करने वालों को सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है। बड़ी राशि निकालने पर अतिरिक्त कर का बोझ पड़ेगा। हालांकि, पेंशन योजना में सुधार से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ होगा।
ईपीएफओ के नए नियम खाताधारकों के हित में लिए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाना है। सभी खाताधारकों को चाहिए कि वे इन नियमों का पालन करें और अपने भविष्य निधि खातों का प्रबंधन सावधानी से करें।