कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) भारत की एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। 16 नवंबर 1995 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय सुनिश्चित करना है।
वर्तमान में, ईपीएस-95 के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रतिमाह है, जो आज की महंगाई के हिसाब से बहुत कम है। पेंशनभोगियों की मुख्य मांग इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की है। साथ ही, वर्तमान वेतन सीमा 15,000 रुपये है, जिसे 2025 में बढ़ाकर 21,000 रुपये करने पर विचार किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें मौजूदा कर्मचारियों को उच्च पेंशन का विकल्प चुनने की अनुमति दी गई। इस फैसले ने योजना में एक नया आयाम जोड़ा है, जिससे कर्मचारियों को अपनी वास्तविक आय के आधार पर पेंशन पाने का अवसर मिला है।
पेंशन की गणना एक विशेष सूत्र के आधार पर की जाती है: पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × सेवा अवधि) ÷ 70। नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 8.33% योगदान करता है, जबकि केंद्र सरकार 1.16% का योगदान करती है, जो 15,000 रुपये प्रति माह तक सीमित है।
योजना के प्रमुख लाभ
ईपीएस-95 के तहत कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किए जाते हैं। इनमें मासिक पेंशन, विधवा पेंशन, बच्चों के लिए अनाथ पेंशन, और विकलांगता पेंशन शामिल हैं। विधवा पेंशन आजीवन मिलती है, जबकि बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन का लाभ मिलता है।
उच्च पेंशन का विकल्प और प्रक्रिया
उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए, कर्मचारियों को अपने नियोक्ता के साथ एक संयुक्त विकल्प फॉर्म जमा करना होता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में ईपीएफ खाता संख्या, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक विवरण और वेतन पर्चियां शामिल हैं।
2025 के लिए प्रस्तावित बदलाव
वर्ष 2025 में योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित हैं। वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की योजना है, जिससे अधिकतम पेंशन 10,050 रुपये तक हो सकती है। साथ ही, ईपीएस-95 नेशनल स्ट्रगल कमेटी महंगाई भत्ते और व्यापक चिकित्सा कवरेज की भी मांग कर रही है।
ईपीएफओ की नई पहल
ईपीएफओ ने “प्रयास” नामक एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत सेवानिवृत्ति के दिन ही पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) सौंपा जाता है। साथ ही, सोशल मीडिया के माध्यम से योजना के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है।
आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन ईपीएफओ की वेबसाइट पर किया जा सकता है, जबकि ऑफलाइन आवेदन के लिए फॉर्म 10डी भरकर क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करना होता है।
भविष्य की संभावनाएं
ईपीएस-95 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। न्यूनतम पेंशन में वृद्धि, महंगाई भत्ते का समावेश और चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार प्रमुख प्राथमिकताएं हैं। इन सुधारों से लाखों पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
ईपीएस-95 भारत की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और प्रस्तावित सुधारों से इस योजना में नई जान आई है। हालांकि चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं, लेकिन सरकार और ईपीएफओ के निरंतर प्रयासों से योजना को और बेहतर बनाया जा रहा है। यह आवश्यक है कि कर्मचारी इस योजना के प्रावधानों को समझें और अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए इसका लाभ उठाएं।