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मंगलवार सुबह सोने चांदी में आई गिरावट, जाने 10 ग्राम गोल्ड की ताजा कीमत Gold Silver Price

आज के समय में सोना सिर्फ एक आभूषण ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण निवेश का साधन भी बन गया है। भारतीय परिवारों में सोने का विशेष महत्व रहा है, चाहे वह शादी-विवाह के अवसर हों या फिर भविष्य के लिए सुरक्षित निवेश की योजना। ऐसे में भोपाल में सोने के वर्तमान भाव की जानकारी निवेशकों और खरीदारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। BankBazaar.com के अनुसार, आज भोपाल में 22 कैरेट सोने का भाव 81,350 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं 24 कैरेट सोने का भाव 85,420 रुपए प्रति 10 ग्राम है।

पिछले कुछ दिनों के आंकड़ों की तुलना करें तो सोने के भाव में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह बढ़ोतरी उन निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकती है, जो लंबे समय से बाजार पर नजर रखे हुए हैं और सही समय का इंतजार कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता के कारण भविष्य में सोने के भाव में और वृद्धि देखने को मिल सकती है।

चांदी के भाव में स्थिरता का क्या है महत्व

जहां एक ओर सोने के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर भोपाल में चांदी के भाव में स्थिरता बनी हुई है। आज भोपाल में चांदी का भाव 1,08,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर स्थिर है। यह स्थिरता उन निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव से बचते हुए अपने पैसों का निवेश करना चाहते हैं।

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चांदी के भाव में स्थिरता का एक बड़ा कारण इसकी औद्योगिक मांग भी है। चांदी का उपयोग सिर्फ आभूषण बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि कई उद्योगों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा पैनल और चिकित्सा उपकरणों में भी होता है। इसलिए, चांदी की मांग का एक बड़ा हिस्सा औद्योगिक क्षेत्र से आता है, जो इसके मूल्य को स्थिर रखने में मदद करता है।

सोने की शुद्धता की पहचान कैसे करें

सोने की खरीदारी करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात होती है उसकी शुद्धता की जांच करना। इसके लिए भारत में हॉलमार्क प्रमाणीकरण व्यवस्था का उपयोग किया जाता है। हॉलमार्क प्रमाणपत्र सोने की शुद्धता का एक आधिकारिक प्रमाण होता है, जिसे भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा जारी किया जाता है।

हॉलमार्क प्रमाणपत्र पर दिए गए अंकों से आप सोने की शुद्धता का पता लगा सकते हैं। 24 कैरेट सोने पर ‘999’ का चिन्ह होता है, जो दर्शाता है कि यह 99.9% शुद्ध है। वहीं 22 कैरेट सोने पर ‘916’ का चिन्ह होता है, जो इसकी 91.6% शुद्धता को दर्शाता है। खरीदारी के समय इन चिन्हों की जांच करना बेहद आवश्यक है, ताकि आप अपने पैसों का सही मूल्य प्राप्त कर सकें।

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22 कैरेट और 24 कैरेट सोने में क्या है अंतर

सोना खरीदते समय आमतौर पर लोग 22 कैरेट और 24 कैरेट के बीच भ्रमित हो जाते हैं। दोनों के बीच मुख्य अंतर उनकी शुद्धता का है। 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है, जिसमें अन्य धातुओं की मिलावट नगण्य होती है। इसी कारण यह बहुत नरम होता है और आभूषण बनाने के लिए अनुपयुक्त माना जाता है। 24 कैरेट सोने का उपयोग मुख्य रूप से सिक्के, गोल्ड बार या निवेश के अन्य रूपों में किया जाता है।

वहीं दूसरी ओर, 22 कैरेट सोना लगभग 91.6% शुद्ध होता है, जिसमें 8.4% अन्य धातुएँ जैसे तांबा, चांदी या जिंक मिलाई जाती हैं। इन धातुओं की मिलावट सोने को अधिक मजबूत और टिकाऊ बनाती है, जिससे यह आभूषण बनाने के लिए आदर्श हो जाता है। इसलिए, अगर आप सोने के गहने खरीदना चाहते हैं, तो 22 कैरेट सोना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

निवेश के लिए सोना या चांदी: क्या है बेहतर विकल्प

निवेश की दृष्टि से देखें तो सोना और चांदी दोनों ही अपने-अपने फायदे और नुकसान रखते हैं। सोना आमतौर पर अधिक स्थिर निवेश माना जाता है, जो आर्थिक अनिश्चितता के समय में एक सुरक्षित हेवन (सेफ हेवन) के रूप में कार्य करता है। इसकी कीमतें मुद्रास्फीति के समय में बढ़ती हैं, जिससे यह मुद्रास्फीति से बचाव का एक अच्छा साधन बनता है।

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वहीं चांदी की कीमत में अधिक उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन उच्च जोखिम के साथ उच्च रिटर्न की संभावना भी होती है। चांदी का मूल्य न केवल निवेश की मांग से, बल्कि औद्योगिक उपयोग से भी प्रभावित होता है। इसलिए, एक संतुलित निवेश पोर्टफोलियो में दोनों को शामिल करना विवेकपूर्ण हो सकता है।

वित्तीय विशेषज्ञों का सुझाव है कि अपने कुल निवेश का लगभग 10-15% हिस्सा सोने और चांदी जैसे कीमती धातुओं में रखना चाहिए। यह आपके निवेश को विविधता प्रदान करता है और आर्थिक उतार-चढ़ाव के समय में एक सुरक्षा कवच का काम करता है।

सोने के भविष्य की कीमतों का अनुमान

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और भू-राजनीतिक स्थिति सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। वर्तमान समय में, दुनिया भर में बढ़ती ब्याज दरें और मुद्रास्फीति सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

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भारतीय संदर्भ में, त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसलिए, अगर आप निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं, तो वर्तमान समय एक अच्छा अवसर हो सकता है, क्योंकि भविष्य में कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।

सोने की खरीदारी के समय रखें इन बातों का ध्यान

सोने की खरीदारी करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि आप अपने पैसों का सही मूल्य प्राप्त कर सकें। सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात है हॉलमार्क प्रमाणपत्र की जांच करना। हॉलमार्क प्रमाणित सोना ही खरीदें, क्योंकि यह सोने की शुद्धता की गारंटी देता है।

दूसरी महत्वपूर्ण बात है विश्वसनीय विक्रेता से खरीदारी करना। प्रतिष्ठित ज्वैलरी स्टोर्स या बैंकों से सोना खरीदना अधिक सुरक्षित होता है। साथ ही, बिल और खरीद प्रमाणपत्र जरूर लें, क्योंकि यह भविष्य में सोने की बिक्री या आभूषण के आदान-प्रदान के समय काम आएगा।

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तीसरी बात, सोने की खरीदारी के समय मेकिंग चार्ज और जीएसटी की जानकारी भी रखें। मेकिंग चार्ज विक्रेता से विक्रेता तक भिन्न हो सकता है, इसलिए खरीदारी से पहले इसकी जानकारी जरूर लें। इसके अलावा, 3% जीएसटी भी सोने की कीमत में जुड़ जाता है, जिसका ध्यान रखना आवश्यक है।

चांदी के प्रकार और उनकी विशेषताएं

चांदी भी सोने की तरह ही विभिन्न शुद्धता स्तरों में उपलब्ध होती है। सबसे शुद्ध चांदी को फाइन सिल्वर या 999 सिल्वर कहा जाता है, जो 99.9% शुद्ध होती है। इसका उपयोग मुख्य रूप से सिक्के, चांदी के बार और निवेश के अन्य रूपों में किया जाता है।

स्टर्लिंग सिल्वर, जिसे 925 सिल्वर भी कहा जाता है, 92.5% शुद्ध चांदी होती है, जिसमें 7.5% अन्य धातुएँ मिलाई जाती हैं। इसका उपयोग आमतौर पर आभूषण और घरेलू सामान बनाने में किया जाता है। यह अधिक टिकाऊ होती है और रोजमर्रा के उपयोग के लिए उपयुक्त होती है।

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जर्मन सिल्वर, कॉइन सिल्वर और निकल सिल्वर जैसे अन्य प्रकार भी बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें चांदी की मात्रा कम होती है या बिल्कुल नहीं होती है। इसलिए, चांदी खरीदते समय इसकी शुद्धता की जांच करना बेहद आवश्यक है।

आभूषण बनाम निवेश: सोने का सही उपयोग

सोने का उपयोग मुख्य रूप से दो प्रकार से किया जाता है – आभूषण के रूप में और निवेश के रूप में। आभूषण के रूप में सोना हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का हिस्सा है। शादी-विवाह, त्योहार और विशेष अवसरों पर सोने के आभूषण पहनना हमारी परंपरा का हिस्सा है। हालांकि, आभूषण में मेकिंग चार्ज, जीएसटी और अन्य शुल्क जुड़ने से इसकी कीमत बढ़ जाती है।

वहीं दूसरी ओर, निवेश के रूप में सोना एक सुरक्षित और स्थिर विकल्प माना जाता है। गोल्ड कॉइन्स, गोल्ड बार, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जैसे विकल्प निवेशकों के लिए उपलब्ध हैं। इन विकल्पों में मेकिंग चार्ज नहीं होता और शुद्ध सोने के मूल्य पर ही खरीदारी होती है, जिससे निवेश की दृष्टि से यह अधिक फायदेमंद होता है।

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विशेषज्ञों का सुझाव है कि अगर आप सोने को निवेश के रूप में देखते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जैसे विकल्प चुनना अधिक फायदेमंद हो सकता है। इनमें भौतिक सोने की तरह सुरक्षा और भंडारण की चिंता नहीं होती और साथ ही, निकासी प्रक्रिया भी आसान होती है।

वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में सोने का महत्व

वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितता से घिरी हुई है, सोने का महत्व और भी बढ़ गया है। सोना मुद्रास्फीति से बचाव का एक प्रभावी साधन माना जाता है, क्योंकि जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो सोने की कीमतें भी बढ़ती हैं। इसके अलावा, आर्थिक संकट के समय में भी सोना अपना मूल्य बनाए रखता है, जिससे यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन जाता है।

भारतीय परिवारों के लिए, सोना सिर्फ एक निवेश ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करता है। आपातकालीन स्थिति में सोने के आभूषणों को बेचकर आर्थिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसलिए, भारतीय संस्कृति में सोने को ‘स्त्रीधन’ या महिलाओं की संपत्ति के रूप में देखा जाता है, जो उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करता है।

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सोने और चांदी में निवेश एक बुद्धिमानी भरा कदम हो सकता है, बशर्ते की आप सही समय पर सही तरीके से निवेश करें। वर्तमान समय में भोपाल में सोने और चांदी के भाव बता रहे हैं कि यह निवेश के लिए एक अच्छा समय हो सकता है। सोने के भाव में हो रही मामूली बढ़ोतरी और चांदी के भाव में स्थिरता दोनों ही सकारात्मक संकेत हैं।

हालांकि, निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति, निवेश के उद्देश्य और जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करना आवश्यक है। एक संतुलित निवेश पोर्टफोलियो में सोने और चांदी के साथ-साथ अन्य निवेश विकल्पों को भी शामिल करना चाहिए, ताकि जोखिम को कम किया जा सके और रिटर्न को अधिकतम किया जा सके।

अंत में, सोने और चांदी में निवेश करते समय हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से खरीदारी करें, शुद्धता की जांच करें और उचित दस्तावेज प्राप्त करें। इस तरह, आप अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठा सकेंगे और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकेंगे।

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सोने और चांदी में निवेश करने से पहले, कृपया एक पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। लेख में दिए गए भाव और जानकारी समय के साथ बदल सकती है, इसलिए निवेश से पहले वर्तमान बाजार भाव की जांच करना आवश्यक है।

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