Bank Accounts New Updates 2025: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाने के बाद बैंक के ग्राहकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। बैंक के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं, जहां ग्राहक अपने पैसे निकालने के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता यह है कि ग्राहकों के करोड़ों रुपये बैंक में जमा हैं, जिन्हें निकालना अब मुश्किल हो गया है। आरबीआई के इस फैसले से बैंक के हजारों ग्राहकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
दो सप्ताह तक पूरी तरह से बंद रहा लेनदेन
भारतीय रिजर्व बैंक ने करीब दो सप्ताह पहले 13 फरवरी को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर “ऑल-इनक्लूसिव डायरेक्शन” लगाया था। इस आदेश के तहत, बैंक से किसी भी प्रकार का लेनदेन करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। इन दो हफ्तों के दौरान, ग्राहक बैंक से एक भी रुपया नहीं निकाल सके। यह स्थिति बैंक के उपभोक्ताओं के लिए अत्यंत कठिन थी, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी रोजमर्रा की जरूरतें और आवश्यक खर्चे इसी बैंक में जमा पैसों पर निर्भर थे।
अब 25 हजार रुपये निकालने की मिली अनुमति
लगभग दो सप्ताह के कड़े प्रतिबंध के बाद, आरबीआई ने अब बैंक के ग्राहकों को थोड़ी राहत प्रदान की है। अब ग्राहक अपने खाते से 25 हजार रुपये तक निकालने की अनुमति पा चुके हैं। यह राहत बैंक की नकदी स्थिति की समीक्षा के बाद दी गई है। हालांकि यह राशि बहुत अधिक नहीं है, फिर भी इससे ग्राहकों को अपनी तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। ग्राहक यह राशि बैंक की शाखा या एटीएम दोनों से निकाल सकते हैं।
लंबी कतारें: ग्राहकों की बेचैनी का प्रतीक
आरबीआई के इस निर्णय के बाद, गुरुवार सुबह से ही न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की सभी शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गईं। हजारों ग्राहक अपना पैसा निकालने के लिए बैंक पहुंचे। ये लंबी कतारें ग्राहकों की बेचैनी और चिंता को दर्शाती हैं। कई ग्राहकों ने अपनी जीवन भर की बचत इस बैंक में जमा की हुई है, और बैंक पर प्रतिबंध लगने से उनकी चिंता स्वाभाविक है। बैंक के कर्मचारियों के अनुसार, इस छूट के बाद से उनकी शाखाओं में ग्राहकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
आधे से अधिक ग्राहकों को मिलेगी पूरी राशि
आरबीआई के अनुसार, 25 हजार रुपये की निकासी की अनुमति देने से बैंक के लगभग 50 प्रतिशत से अधिक ग्राहक अपनी पूरी जमा राशि निकाल सकेंगे। यह इसलिए संभव है क्योंकि इन ग्राहकों के खातों में 25 हजार रुपये या उससे कम राशि जमा है। शेष 50 प्रतिशत ग्राहक, जिनके खातों में 25 हजार रुपये से अधिक राशि जमा है, वे भी 25 हजार रुपये तक निकाल सकते हैं या अपनी उपलब्ध शेष राशि, जो भी कम हो। यह कदम बैंक के अधिकांश ग्राहकों को कुछ हद तक राहत प्रदान करेगा।
प्रतिबंध का कारण: बैंक में हुई बड़ी धांधली
आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए लगाया है। बैंक में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप है। रिजर्व बैंक के निरीक्षण के दौरान पता चला कि बैंक में एक समय में 10 करोड़ रुपये रखने की क्षमता थी, लेकिन निरीक्षण के दिन कैश इन हैंड बुक में 122.028 करोड़ रुपये का हिसाब मिला। यह विसंगति बैंक में हो रही गंभीर अनियमितताओं को दर्शाती है। इस मामले में मुंबई पुलिस 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी की जांच कर रही है और कुछ गिरफ्तारियां भी की जा चुकी हैं।
भविष्य की चिंताएं और सवाल
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कई ग्राहकों के मन में यह सवाल है कि क्या उन्हें अपनी पूरी जमा राशि वापस मिल पाएगी। आरबीआई ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रतिबंध कब तक जारी रहेगा और इसके बाद क्या होगा। कई ग्राहक, विशेष रूप से वृद्ध और पेंशनभोगी, जिनकी आय का एकमात्र स्रोत बैंक में जमा धनराशि का ब्याज है, उनके लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है। सरकार और आरबीआई से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।
ग्राहकों के लिए क्या करें, क्या न करें
इस स्थिति में, बैंक के ग्राहकों को धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता है। घबराहट में कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए। आरबीआई के निर्देशों का पालन करें और नियमित रूप से बैंक के नोटिस और समाचारों पर नजर रखें। अगर आपका खाता इस बैंक में है, तो अपने महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन के लिए एक अन्य बैंक खाता खोलने पर विचार करें। इसके अतिरिक्त, बैंक से संबंधित किसी भी अपडेट के लिए आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट या सूचना केंद्रों से जानकारी प्राप्त करें।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर आरबीआई के प्रतिबंध से यह स्पष्ट होता है कि वित्तीय संस्थानों में पारदर्शिता और नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना से बैंकिंग प्रणाली के प्रति जनता का विश्वास प्रभावित हो सकता है। हालांकि, यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि आरबीआई ऐसे कदम जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उठाता है। नागरिकों को अपने वित्तीय मामलों में सावधानी और सतर्कता बरतनी चाहिए और अपने बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में जागरूक रहना चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें। लेखक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं है।