Big news for government employees: मध्य प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है। 1 अप्रैल से नर्मदापुरम के सरकारी दफ्तरों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने वाली है। इस नई व्यवस्था के तहत सभी सरकारी कार्य डिजिटल माध्यम से किए जाएंगे, जिससे कागजी कार्रवाई कम होगी और कार्यालयीन कामकाज में तेजी आएगी। जिला प्रशासन ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और अधिकारियों तथा कर्मचारियों को इस संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है।
अधिकारियों को मिलेगी टेस्टिंग आईडी
नई ई-ऑफिस व्यवस्था की सुचारू शुरुआत के लिए जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों को टेस्टिंग आईडी प्रदान की जा रही है। इन आईडी के माध्यम से सोमवार से प्रायोगिक तौर पर दफ्तरी काम शुरू किया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि अधिकारी नए सॉफ्टवेयर पर काम करने का अभ्यास कर सकें और भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। ई-गवर्नेंस विभाग की ओर से अधिकांश अधिकारियों की आईडी तैयार की जा रही है, जिन्हें सोमवार तक विभागाध्यक्षों को सौंप दिया जाएगा।
प्रशिक्षण और टेस्टिंग की व्यवस्था
टेस्टिंग आईडी मिलने के बाद अधिकारी विभिन्न प्रकार के कार्य जैसे दस्तावेज अपलोड करना, नोटशीट बनाना, डिजिटल लेटर तैयार करना और अन्य कार्यालयीन कामकाज करना सीखेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान यदि कोई समस्या आती है तो उसका समाधान विशेषज्ञों द्वारा तुरंत किया जाएगा। सभी अधिकारियों को 31 मार्च से पहले पूर्ण प्रशिक्षण देने की योजना है, ताकि 1 अप्रैल से व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू हो सके।
अधिकारियों को मिलेगा डेमो
ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर को लागू करने से पहले जिला प्रशासन अधिकारियों और कर्मचारियों को इसका विस्तृत डेमो देगा। इस डेमो में विशेषज्ञ सॉफ्टवेयर की संपूर्ण जानकारी देंगे और उपयोगकर्ताओं को विभिन्न विकल्पों के बारे में बताएंगे। कार्य के दौरान होने वाली संभावित गलतियों और उन्हें सुधारने के तरीके भी डेमो में शामिल किए जाएंगे। प्रारंभ में केवल अधिकारियों को कार्यालय चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, और ये अधिकारी ‘मास्टर ट्रेनर’ के रूप में अपने-अपने कार्यालयों में अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे।
ई-ऑफिस व्यवस्था की निगरानी के लिए कमेटी
ई-ऑफिस व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में एसडीएम को प्रशासनिक नियंत्रक, एनआईसी के डीईओ को नोडल अधिकारी और जिला पंचायत सीईओ को सचिव नियुक्त किया गया है। कुल 9 सदस्यों वाली यह कमेटी मिलकर ई-ऑफिस व्यवस्था के कार्यान्वयन और निगरानी का कार्य करेगी।
ई-ऑफिस से होने वाले लाभ
ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से सरकारी कामकाज में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। सबसे पहले, इससे कागज का उपयोग कम होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। दूसरा, फाइलों के डिजिटल संग्रहण से दस्तावेजों के खोने या क्षतिग्रस्त होने का खतरा कम होगा। तीसरा, किसी भी फाइल या दस्तावेज की जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकेगी, जिससे कार्य में तेजी आएगी।
इसके अलावा, ई-ऑफिस व्यवस्था से पारदर्शिता में भी वृद्धि होगी क्योंकि प्रत्येक कार्य का डिजिटल रिकॉर्ड रहेगा। यह व्यवस्था आम नागरिकों के लिए भी फायदेमंद होगी, क्योंकि उन्हें सरकारी कार्यालयों में बार-बार चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी और वे अपने कामों की स्थिति ऑनलाइन जान सकेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि धीरे-धीरे राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू की जाए। नर्मदापुरम में इस व्यवस्था की सफलता के बाद, अन्य जिलों में भी इसे लागू करने की योजना है। सरकार का मानना है कि डिजिटल माध्यम से काम करने से न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि प्रशासन की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।
इस प्रकार, 1 अप्रैल से लागू होने वाला यह नया नियम मध्य प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। यह ‘डिजिटल इंडिया’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा।