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EPFO का बड़ा ऐलान! अब इतने कम साल की नौकरी में भी मिलेगी पेंशन, जानें नया नियम EPFO News

प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए ईपीएफओ ने पेंशन योजना के नियमों को स्पष्ट किया है। यह जानकारी उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो हर महीने अपने वेतन से पीएफ कटवाते हैं और भविष्य में पेंशन पाना चाहते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पेंशन पाने के लिए कितने साल नौकरी करनी होगी, पेंशन की राशि कैसे तय होती है और इसकी गणना कैसे की जाती है। अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।

कर्मचारी पेंशन योजना का इतिहास

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) की शुरुआत 1995 में की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित की जाती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका लाभ न केवल कर्मचारी को मिलता है, बल्कि उसके परिवार के सदस्यों को भी मिलता है।

अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को भी इस योजना के तहत पेंशन मिलती है। इस प्रकार, यह योजना न केवल कर्मचारी के लिए बल्कि उसके परिवार के लिए भी एक सुरक्षा कवच का काम करती है।

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पेंशन पाने के लिए योग्यता

ईपीएस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें पूरी करनी होती हैं। सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि आपको कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होगी। इसका मतलब यह है कि आपने लगातार 10 साल तक अपने ईपीएफ खाते में योगदान दिया हो। अगर आप इस शर्त को पूरा करते हैं, तो आप पेंशन के हकदार बन जाते हैं।

अगर आपकी उम्र 50 साल हो गई है और आपने 10 साल तक नौकरी की है, तो आप पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, यहां एक महत्वपूर्ण बात ध्यान देने योग्य है। अगर आप 58 साल की उम्र के बाद रिटायर होते हैं, तो आपकी पेंशन की राशि अधिक होगी। इसलिए, अगर संभव हो तो 58 साल की उम्र तक नौकरी करना फायदेमंद होता है।

पेंशन की गणना का तरीका

पेंशन की गणना करने के लिए दो मुख्य कारक देखे जाते हैं। पहला, आपने कुल कितने साल तक पीएफ खाते में योगदान दिया है। दूसरा, रिटायरमेंट से पहले के 60 महीनों (5 साल) की औसत सैलरी कितनी थी। इन दोनों कारकों के आधार पर आपकी पेंशन की राशि तय की जाती है।

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इसका सीधा सा मतलब यह है कि अगर आपने ज्यादा सालों तक नौकरी की है और आपकी सैलरी अच्छी थी, तो आपकी पेंशन भी ज्यादा होगी। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपको अच्छी पेंशन मिले, तो आपको लंबे समय तक नौकरी करनी चाहिए और अपनी सैलरी बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

ऑनलाइन पेंशन कैलकुलेटर का उपयोग

अगर आप जानना चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी, तो इसे ऑनलाइन चेक किया जा सकता है। ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर एक पेंशन कैलकुलेटर उपलब्ध है, जिसका उपयोग करके आप अपनी भविष्य की पेंशन की राशि का अनुमान लगा सकते हैं।

इसके लिए, सबसे पहले आपको ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट (www.epfindia.gov.in) पर जाना होगा। वहां ‘ऑनलाइन सर्विस’ सेक्शन में जाकर ‘पेंशन कैलकुलेटर’ विकल्प चुनें। अब अपनी आवश्यक जानकारी जैसे सेवा के वर्ष, औसत वेतन आदि भरें और अपनी अनुमानित पेंशन की राशि देखें। यह एक उपयोगी उपकरण है जो आपको भविष्य की योजना बनाने में मदद कर सकता है।

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उम्र के हिसाब से पेंशन का निर्धारण

ईपीएफओ की पेंशन योजना में उम्र का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। अगर किसी कर्मचारी ने 20 साल या उससे अधिक समय तक पीएफ खाते में योगदान दिया है, तो उसे 2 साल का अतिरिक्त बोनस मिलता है। यानी अगर आपने 20 साल नौकरी की है, तो पेंशन की गणना 22 साल के हिसाब से होगी।

इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी 50 से 58 साल की उम्र के बीच रिटायर होता है, तो उसकी पेंशन थोड़ी कम होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस उम्र में ब्याज दर 4% से भी कम होती है। वहीं, अगर कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र के बाद रिटायर होता है, तो उसे 60 साल की उम्र तक हर साल 4% की बढ़ी हुई दर से पेंशन मिलेगी।

इसका मतलब यह है कि अगर आप ज्यादा समय तक नौकरी करते हैं और 58 साल की उम्र के बाद रिटायर होते हैं, तो आपकी पेंशन ज्यादा होगी। इसलिए, अगर संभव हो तो नौकरी को 58 साल की उम्र तक जारी रखना फायदेमंद है।

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ईपीएस योजना के प्रमुख लाभ

ईपीएस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने एक निश्चित राशि मिलती रहेगी। यह आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को भी पेंशन का लाभ मिलता है। यह परिवार के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करता है।

एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इस योजना में योगदान का बोझ कर्मचारी और नियोक्ता दोनों पर होता है। कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा देता है और बाकी का योगदान नियोक्ता करता है। इससे कर्मचारी पर वित्तीय बोझ कम होता है और वह अपने भविष्य के लिए पर्याप्त बचत कर पाता है।

ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह योजना रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है और परिवार के लिए भी एक सुरक्षा कवच का काम करती है। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नौकरी के दौरान अपने पीएफ खाते में नियमित रूप से योगदान करें और कम से कम 10 साल तक नौकरी करें।

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याद रखें, पेंशन की राशि आपके द्वारा दिए गए योगदान के वर्षों और आपकी औसत सैलरी पर निर्भर करती है। इसलिए, अधिक पेंशन पाने के लिए लंबे समय तक नौकरी करें और अपनी सैलरी बढ़ाने का प्रयास करें। ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर पेंशन कैलकुलेटर का उपयोग करके आप अपनी भविष्य की पेंशन की राशि का अनुमान लगा सकते हैं और उसी के अनुसार अपनी वित्तीय योजना बना सकते हैं।

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