New Bank Rules 2025: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 17 फरवरी 2025 से तीन प्रकार के बैंक खातों को बंद करने की घोषणा की है। यह कदम बैंकिंग व्यवस्था को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है।
पहली श्रेणी में डॉर्मेंट खाते आते हैं, जिनमें दो वर्षों से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। दूसरी श्रेणी में इनएक्टिव खाते हैं, जिनमें पिछले 12 महीनों से कोई गतिविधि नहीं हुई है। तीसरी श्रेणी में जीरो बैलेंस खाते शामिल हैं, जिनमें लंबे समय से कोई राशि जमा नहीं है।
नए नियम का उद्देश्य
इस नियम का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग सुरक्षा को मजबूत करना और धोखाधड़ी को रोकना है। साथ ही, यह बैंकों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और केवाईसी मानकों का पालन सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
खातों को सक्रिय रखने के उपाय
खाताधारक अपने खातों को सक्रिय रखने के लिए कुछ आसान कदम उठा सकते हैं। डॉर्मेंट खातों को सक्रिय करने के लिए केवाईसी अपडेट करें और लेन-देन करें। इनएक्टिव खातों में नियमित गतिविधि करें और जीरो बैलेंस खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखें।
प्रभावित ग्राहकों पर असर
यह नियम लाखों खाताधारकों को प्रभावित करेगा। हालांकि, इससे बैंकिंग प्रणाली अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनेगी। ग्राहकों को अपने खातों का नियमित उपयोग करने की आदत डालनी होगी।
अतिरिक्त वित्तीय नियम
आरबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य वित्तीय उत्पादों के लिए भी नए नियम बनाए हैं। इनमें एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से जुड़े नियम शामिल हैं।
समय पर कार्रवाई का महत्व
खाताधारकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपने खातों की स्थिति की जांच करें और आवश्यक कदम उठाएं। समय रहते कार्रवाई करने से खाता बंद होने से बचा जा सकता है।
आरबीआई का यह निर्णय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह न केवल बैंकों की कार्यक्षमता बढ़ाएगा बल्कि ग्राहकों के हितों की रक्षा भी करेगा। सभी खाताधारकों को इन नियमों का पालन करते हुए अपने खातों को सक्रिय रखना चाहिए।