UPI Transaction Alert: आज के समय में बैंकिंग हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। हर कोई किसी न किसी रूप में बैंक से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि 1 मार्च 2025 से बैंकिंग के नियमों में कुछ बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। आइए समझते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और आम जनता पर इनका क्या असर होगा।
नए नियमों का उद्देश्य और महत्व
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग को और अधिक सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य है कि आम लोगों का पैसा सुरक्षित रहे और बैंकिंग सेवाएं और बेहतर हों। साथ ही डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देना और धोखाधड़ी को रोकना भी इन नियमों का लक्ष्य है।
केवाईसी अपडेशन की नई व्यवस्था
अब हर बैंक खाताधारक को हर दो से तीन साल में अपना केवाईसी अपडेट करवाना जरूरी होगा। इससे बैंक आपकी सही जानकारी रख सकेंगे और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। अगर आप समय पर केवाईसी अपडेट नहीं करवाते हैं, तो आपका खाता बंद भी हो सकता है। इसलिए जैसे ही बैंक की तरफ से सूचना मिले, तुरंत केवाईसी अपडेट करवा लें।
न्यूनतम बैलेंस में बदलाव
शहरी इलाकों में रहने वालों को अब अपने बैंक खाते में ज्यादा पैसे रखने होंगे। SBI में यह राशि 5,000 रुपये और PNB में 3,500 रुपये तक बढ़ने वाली है। छोटे शहरों और गांवों में यह राशि कम होगी, लेकिन पहले से ज्यादा होगी। अगर आप न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं तो बैंक जुर्माना लगा सकता है।
निष्क्रिय खातों पर कार्रवाई
अगर आपका बैंक खाता दो साल से ज्यादा समय से बिल्कुल निष्क्रिय है, यानी उसमें कोई लेन-देन नहीं हुआ है, तो बैंक उसे बंद कर सकता है। इसलिए अगर आपका कोई पुराना खाता है, तो उसमें थोड़ा-बहुत लेन-देन जरूर करते रहें, या फिर उसे बंद करवा दें।
यूपीआई लेनदेन में सुधार
डिजिटल भुगतान को और सुरक्षित बनाने के लिए यूपीआई में नए सुरक्षा फीचर जोड़े जाएंगे। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं कम होंगी। साथ ही लेनदेन की सीमा भी बढ़ेगी, जिससे आप एक बार में ज्यादा पैसे भेज सकेंगे।
चेक भुगतान के नए नियम
1 अप्रैल 2025 से 50,000 रुपये या उससे ज्यादा के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का इस्तेमाल करना जरूरी होगा। इसका मतलब है कि चेक जारी करने से पहले बैंक को इसकी जानकारी देनी होगी। चेक बाउंस होने पर जुर्माना भी बढ़ेगा। सभी चेक अब CTS के जरिए प्रोसेस होंगे, जिससे भुगतान में देरी कम होगी।
एसबीआई और पीएनबी के ग्राहकों पर विशेष प्रभाव
एसबीआई और पीएनबी के ग्राहकों को इन बदलावों का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा। एसबीआई में न्यूनतम बैलेंस 5,000 रुपये और एटीएम शुल्क में भी बढ़ोतरी होगी। वहीं पीएनबी में न्यूनतम बैलेंस 3,500 रुपये रखना होगा। इसलिए इन बैंकों के ग्राहकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
आम जनता के लिए सुझाव
इन नए नियमों को देखते हुए कुछ बातों का खास ध्यान रखें:
- समय-समय पर अपना केवाईसी अपडेट करवाते रहें
- खाते में हमेशा न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें
- पुराने निष्क्रिय खातों में लेनदेन करें या उन्हें बंद करें
- यूपीआई के नए सुरक्षा फीचर्स का इस्तेमाल करें
- बड़े चेक जारी करते समय बैंक को पहले सूचित करें
ये नए नियम भले ही शुरुआत में थोड़ी परेशानी पैदा कर सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये हमारी बैंकिंग को और सुरक्षित और बेहतर बनाएंगे। इसलिए इन नियमों का पालन करना हमारे हित में है। अपने बैंक से जुड़ी नई जानकारियों के लिए बैंक की वेबसाइट देखते रहें और किसी भी तरह की समस्या के लिए तुरंत अपनी बैंक शाखा से संपर्क करें।